दोस्तों नमस्कार,
बहुत महिनों बाद आज यह आर्टिकल लिख रहा हूँ। निरंतरता की इस रूकावट के लिए मैं माफी चाहता हूँ। जैसा कि इस टाइटल के नाम से स्पष्ट हो रहा है, आज हम परिमेय और भिन्न संख्या के मध्य मूलभूत भेद के बारे में बात करेंगे। सबसे पहले तो हमे उक्त दोनों संख्याओें के परिभाषाओं को जानना चाहिये तभी उनके बीच अंतर को हम समझ पायेंगे।
परिभाषानुसार परिमेय संख्या को P /Q के रूप में लिख सकते हैं जहाँ P और Q पूर्णांक है,एवं Q बराबर नहीं है 0 के। अर्थात्
परिमेय संख्या = P/Q = -5/6, 0/2, 6/-4
भिन्न वह संख्या है जो एक पूर्ण ( Whole ) का भाग निरूपित करता है।यह पूर्ण एक अकेली वस्तु हो सकती है या वस्तुओं का एक समूह (Group ) भी हो सकता है। जिसे P/Q के रूप में भी लिखा जा सकता है, जहाँ P और Q प्राकत संख्या है। उल्लेखनीय है कि हर में लिखित अंक एक पूर्ण संख्या को तो प्रदर्शित करे ही,जिससे वह समान बराबर भागों में बांटा जा सके।इसलिये भिन्न संख्या के हर में भी शून्य नहीं होगा।
मतलब भिन्न P/Q = 1/2, 3/9,
निष्कर्ष यह निकलता है कि सभी भिन्न संख्या एक परिमेय संख्या होती है परंतु सभी परिमेय संख्या भिन्न संख्या नहीं हो सकती है ।
जैसे :-
1) 2/0 न ही परिमेय संख्या है और न ही भिन्न संख्या है।परंतु 0/2 परिमेय और भिन्न संख्या दोनो है।
2) यहाँ पर स्पष्ट होना चाहिये कि - 5/6 एक परिमेय संख्या ही है भिन्न नही है।
3) ऐसे ही 1/2 भिन्न और परिमेय संख्या है।