रचनाकार :- उदय सिंह कोलियारे
आओ आज सबको मैं,बीज गणित सिखाता हूँ।
चर क्या है,अचर क्या है,सबको दिखाता हूँ।
बदले जिसका मान परिस्थिति वश,चर वह कहलाता है।
रहे मान स्थिर जिसका,अचर मान बतलाता है।
बीजीय व्यंजक क्या है,हम सोचते रहते है।
चर-अचर से है जो बने,उसे बीजीय व्यंजक कहते हैं।
जोड़ घटाने की क्रिया में,नहीं कोई कठिनाई है।
सजातीय का सजातीय से क्रिया में,निश्चय ही भलाई है।
चर का चर से अचर का अचर से,कर दो गुणा या भाग।
चर यदि नहीं सजातीय,तो फिर उनसे ऐसे ही मत लाग।
संपादक :- मधु कुमार ठाकुर
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Nice bro.. nice creativity
ReplyDeletevery nice bhaiya 🙏🙏
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लेख लेखन है,जिस विधि का प्रयोग कर रहे हो,गणित मे बच्चे लमबे समय तक याद रख सकते है,वही त्यौहार के बारे हम जैसे छत्तीसगढ़िया के लिये शान की बात हरे
ReplyDeleteब्लाँग को सराहने के लिये सादर धन्यवाद और आभार। ज्यादा से ज्यादा शेयर करिये
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