Monday, December 9, 2019

बीजीय व्यंजक समस्या और समाधान

                                         

                      बच्चों में गणित के नाम से वैसे भी दहशत बना हुआ रहता है। गणित विषय में सबसे ज्यादा जटिल लगने वाले चैप्टर्स में से एक का नाम बीजीय व्यंजक है। बीजीय व्यंजक का कठिन लगने का कारण शायद चर का अचर संख्या के साथ जुड़ा होना भी है। बच्चों को जब संख्यात्मक सवालों को हल करने में तथाकथित समस्या आती है तो बीजीय व्यंजक के प्रश्नों को हल करना भी एक आश्चर्य जैसा ही बन जाता है। हम यहाँ बीजीय व्यंजकों के पद,गुणांक,गुणनखंड,आदि के बारे में बात नहीं करेंगे। बीजीय व्यंजक के प्रश्न कैसे सरल लगे हम इस आर्टिकल में जानेंगे और समझने की कोशिश करेंगे।




(1)    चर वह संख्या होती है ,जिसका मान परिवर्तनशील होता है जैसे :- X,Y,Z......इत्यादि और अचर वह  है जिसका मान निश्चित होता है,बदलता नहीं है ,जैसे :- 1,2,3 ..... इत्यादि
  
  
(2)    दूसरी सबसे जरूरी बात ये है कि संख्याओं के जोड़ने-घटाने के नियम या तरीकों को पहले अच्छे से मतलब Class 1 से ही Teachers के द्वारा बताया जाना चाहिए।क्योंकि आगे के Class में बीजीय व्यंजकों के योग और अंतर भी ऐसे ही सामान्य नियमों के जैसे ही Calculate होना है। जिनसे Students का संसय Clear हो जाये।


 (3)     सभी अचर संख्याओं का चिन्ह होता है। और उन संख्याओं का चिन्ह संख्या के सामने में लगा होता है ऐसा मानते हैं। जिस संख्या के सामने कोई चिन्ह लगा ना हो ,उसे धन चिन्ह (+) वाला संख्या मान लेते हैं। चिन्हों के अनुसार ही संख्याओं का योग और अंतर होता है। ना कि संख्याओं के बीच में लगने वाले चिन्हों के आधार पर ही संख्याओं का जोड़ और घटाव होता है।          


उदाहरण :-                                  4 + 3 =7  मतलब
  
                        +4 + 3 =+7      और   -4 - 3  = -7

                       4a + 3a = 7a     और      -4a -3a =-7a  
                   


                 तात्पर्य ये की समान चिन्ह वाले संख्याएँ आपस में जुड़ेंगे और जो दोनों संख्याओं का चिन्ह होगा, वही चिन्ह योगफल वाले संख्या का भी होगा। इसके उलटअलग-अलग चिन्ह वाले संख्याओं मेंअंतर की संक्रिया होती है। 



                                     4 -3 =1   और   -3 + 4 = 1
               
                          4x-3x =x   और   -3x+4x=1x 



                      यहाँ पर जिस संख्या को आमतौर पर बड़ा माना जाता है,अंतरफल में उसी संख्या का चिन्ह लगाया जाता है।
  

(4 )    बच्चों को Class में जाने से पूर्व सम्बंधित Topic का पूर्वाभ्यास करना चाहिए। फिर उसी दिन शाम को होमवर्क भी जरूर करना चाहिए।और इसीप्रकार के प्रश्नों को हल करने का अभ्यास करना चाहिए ,जिससे Topic का Concept क्लियर हो जाये।


(5 )     बच्चों को चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा सवालों को हल करने का अभ्यास करें।अभ्यास ही आपके मन में गणित विषय के प्रति Interest बढ़ाने का कार्य करेगा और Confidence आएगा।फिर गणित ही सबसे  सरल और आसान लगने लगेगा।सिर्फ यही एकमात्र वह Subject है जिसे गीत सुनते,गुनगुनाते पढ़ा व समझा जा सकता है।               

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