गणित में "वर्ग" नामक शब्द दो प्रकार के मायनों के लिए प्रचलन में आता है। एक अंकगणित में और दूसरा रेखागणित में। अंकगणित के वर्ग के बारे में आज बात करते हैं।जिसमें कहा गया है कि "किसी संख्या का वर्ग -उस दी हुयी संख्या को स्वयं उसी संख्या से गुना करने पर प्राप्त गुणनफल होता है।
जैसे -- 4 का वर्ग ....... 4 * 4 = 16
जैसे -- 4 का वर्ग ....... 4 * 4 = 16
इससे पहले आपको याद दिला दूँ कि हमने पिछले Blog में बीजीय गणित के कुछ अहम समस्याओं पर बात किये थे। अगर आप उस ब्लॉग को पढ़ नहीं पाए है तो दिए गए लिंकhttps://mknewtalk.blogspot.com/2019/12/blog-post_9.html में जा के पढ़ सकते है।
वर्ग संख्या के गुणधर्म ----
1 . पूर्ण वर्ग संख्याओं के इकाईओं में केवल --0,1,4,5,6, और 9 ही आता है।
2 . एक प्राकृत संख्या का वर्ग, एक पूर्ण वर्ग संख्या होती है यदि वह एक प्राकृत संख्या है।
3 . सम संख्याओं का वर्ग एक सम संख्या ही होती है।
4 . एक पूर्ण वर्ग (1 के अतिरिक्त ) को सदैव समान अभाज्य गुणनखण्डों के युग्मों के गुणनफल के रूप में व्यक्त किया जाता है।
5 . n और n+1 संख्याओं के वर्गों के बीच 2n प्राकृत संख्या होती है।
6 . एक संख्या के अंत में शून्यों की संख्या अगर विषम हो तो वह पूर्ण वर्ग नहीं होता है।
7 . किसी संख्या में 2 का घात लगे होने पर उसका सरल मान ही वर्ग कहलाता है।
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